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  • ये हैं भारत के टॉप 10 किले जो अपने में भारत का इतिहास समेटे हुए हैं

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    Jaisalmer Fort

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  • भारत का इतिहास सुनहरा ही नहीं ताकतवर भी था, तभी तो दुनिया की सबसे ख़तरनाक तोपें भारत में ही हैं

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  • “राजपूताना राइफल्स” की ऐसी 17 बातें जिन्हें जानकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा

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    client-imagePosted by Virendra Pal Singh Denok
  • राजस्थान का अत्यंत विशिष्ट त्योहार गणगौर पूजन कब और क्यों...?

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    client-imagePosted by Yashwant Kanwar Bhati
  • राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान राष्ट्रीय संवत विक्रम संवत

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  • देखें आपने दिन को कितना जिया ....?

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    client-imagePosted by Raoji Online
    कौन ऐसा होगा , जो नहीं चाहेगा कि उसका जीवन सफलताओं से भरा हो ऐसी जिंदगी पाने के लिए आप अपने आपसे पूछें कि ' मैंने आज क्या ख़ास किया , जिस वजह से मैं आज के दिन को याद रखूँगा ..? यदि आपके पास कोई उत्तर नहीं है तो इसका मतलब है कि आपने इस दिन को जिया ही नहीं , सिर्फ काटा है I आइए कुछ प्रयोग करें ..
  • ये हैं वो परम्पराएं जो महज़ अन्धविश्वास नहीं हैं, बल्कि इनके पीछे है वैज्ञानिक कारण

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    प्रोग्रेसिव बनने के चक्कर में आज लोग कई पुरानी परम्पराओं को नकारते नज़र आते हैं. खैर, रूढ़िवादी परम्पराओं को नकारने में कोई बुराई भी नहीं है. लेकिन पुराने समय की सभी परम्पराओं के पीछे रूढ़ीवाद है, ऐसा नहीं है. कुछ परम्पराएं ऐसी भी हैं, जुनके पीछे साइंस है और बेहतर होगा कि हम इन परम्पराओं को साथ लेकर ही आगे बढ़ें.
  • हम तो अपने बच्चों के लिए जी रहे हैं, बस सब सही रास्ते पर लग जाएं...तो अब शिकायत क्यों ...?

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    जो गलती विजयपत सिंघानिया ने की, आशा साहनी ने की, वो आप मत कीजिए। रिश्तों और दोस्ती की बागबानी को सींचते रहिए, ये जिंदगी आपकी है, बच्चों की बजाय पहले खुद के लिए जिंदा रहिए। आप जिंदा रहेंगे, बच्चे जिंदा रहेंगे। अपेक्षा किसी से भी मत कीजिए, क्योंकि अपेक्षाएं ही दुख का कारण हैं।
  • आइए जानते है नवरात्रि का क्या है महत्व ? क्यों होती है 9 कन्याओं का पूजन और कौनसे दिन किस देवी की पूजा करने से क्या होता है लाभ..

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  • थार की लोक संस्कृति में जानते है फड़, फड के प्रकार, भोपें, पवाडे, माटे, माटा वादन

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    पाबूजी की फड़ एक प्रकार का गीत नाट्य है, जिसे अभिनय के साथ गाया जाता है। यह सम्पूर्ण राजस्थान में विख्यात है। 'फड़' लम्बे कपड़े पर बनाई गई एक कलाकृति होती है, जिसमें किसी लोक देवता (विशेष रूप से पाबूजी या देवनारायण) की कथा का चित्रण किया जाता है। फड़ को लकड़ी पर लपेट कर रखा जाता है। इसे धीरे-धीरे खोल कर भोपा तथा भोपी द्वारा लोक देवता की कथा को गीत व संगीत के साथ सुनाया जाता है। पाबूजी के अलावा अन्य लोकप्रिय फड़ 'देवनारायण जी की फड़' होती है।
  • राव सीहाजी मारवाड के राठौड़ वंश के बीज बृक्ष: पद्मश्री अर्जुनसिंह शेखावत

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    राव सीहा जी के बलिदान दिवस पर उपस्थित अतिथि

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    भगवान श्रीराम के इक्ष्वाकु वंश में श्रीराम पुत्र कुश के वंशज राव सीहाजी -प्रो.देवाराम जॉन्सन
  • कमाण्डेन्ट योगेंद्र राठौड़ करेंगे बीएसएफ परेड का रिकॉर्ड चौथी बार नेतृत्व !

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    कमाण्डेन्ट योगेन्द्रसिंह राठौड़

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    कमाण्डेन्ट योगेंद्र राठौड़ करेंगे बीएसएफ परेड का रिकॉर्ड चौथी बार नेतृत्व !
  • जानें...बूंदी में किसका हुआ राजतिलक, क्यों जुटे देशभर के राजपरिवार

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    वंशवर्धन सिंह

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    वंशवर्धन सिंह बने बूंदी रियासत के 26वें महाराजा, पारम्परिक रीति रिवाजों के बीच अलवर महाराजा ने धारण करवाई पाग
  • मेहरानगढ़ म्यूजियम के निदेशक करणी सिंह जसोल की हादसे में मौत

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    karni singh jasol

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    कार गहरी खाई में गिरने से जसोल निवासी करणीसिंह की मौत हो गई
  • राजा मयूरध्वज व् सुराणा समाज से तालुक रखता है मोरखाना गांव

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    ओसवाल समाज के सुराणा कुल की कुलदेवी सुसवाणी माता

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    बीकानेर जिले के नोखा तहसील में स्थित है मोरखाना गांव । जो बीकानेर की विश्व प्रसिद्ध शक्ति पीठ करणी माता मंदिर देशनोक से 21 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में आया हुवा हैं।
  • श्री बगतेश की नगरी पांच पंचायतों में फैला है पीलवा गांव

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    श्री बगतेस भोमियाजी

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    राजस्थान / जोधपुर / फलोदी : जोधपुर जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर उत्तर की ओर स्तिथ गांव पीलवा लगभग 12 किलोमीटर के दायरे में फैला हुवा है l वर्तमान में इस गांव में भोजाकोर, सदरी, फतेहसागर, दयाकौर, कुशलावा व रावतनगर ग्राम पंचायतों का गठन हुवा है l

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